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ToggleImportant Questions Related To EVM | ईवीएम संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
जब से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), बैंगलोर और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL), हैदराबाद द्वारा ईवीएम का निर्माण किया गया, तब से देश भर में कई मतदाताओं के मन में ईवीएम संबंधित कई प्रश्न निर्माण हो रहे हैं ।
आज के इस लेख में हम मतदाताओं के ईवीएम संबंधित प्रश्नो पर प्रकाश डालेंगे, जो कि मतदान पूर्व कई लोगो को मतदान करने में मदद मिलेगी।
प्रश्न : ईवीएम का पुर्ण रूप क्या है ?
उत्तर : ईवीएम का पुर्ण रूप इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है, जिसका उपयोग संपुर्ण भारत में हर जगह चुनाव करने में किया जाता है ।
प्रश्न : ईवीएम के माध्यम से मतदान कैसे करें ? / मतदाता द्वारा दिया गया वोट अपने पसंदीदा उम्मीदवार को दिया गया है यह कैसे सुनिश्चित करें ?
उत्तर : जब मतदाता बैलेट यूनिट पर अपनी पसंदीदा उम्मीदवार के सामने वाला बटन दबाता है, तो बैलेट यूनिट पर चुने गए उम्मीदवार के बटन के सामने एक लाल रंग की एलईडी चमकती है। VVPAT की पारदर्शी खिड़की के माध्यम से मतदाता की पसंद के उम्मीदवार का सीरियल नंबर, नाम और चुनाव चिह्न दिखाने वाली एक पेपर स्लिप तैयार होती है और यह लगभग 7 सेकंड तक दिखाई देती है।
बटन दबाने के बाद मतदाता “मुद्रित पर्ची” देखने और यह सुनिश्चित करने में सक्षम है कि वोट उसकी पसंद के अनुसार डाला गया है। इसके बाद, मुद्रित कागज की पर्ची स्वचालित रूप से कट जाती है और VVPAT के सीलबंद ड्रॉप बॉक्स में संग्रहीत हो जाती है। उसके बाद कंट्रोल यूनिट से एक तेज बीप की आवाज सुनाई देती है जो पुष्टि करती है कि वोट सफलतापूर्वक पंजीकृत हो गया है।
प्रश्न : क्या ईवीएम पर बार-बार बटन दबाकर एक से अधिक बार मतदान किया जा सकता है ?
उत्तर : नहीं, जैसे ही बैलेट यूनिट पर मतदाता द्वारा कोई खास बटन दबाया जाता है, वोट उसी खास उम्मीदवार के लिए दर्ज हो जाता है। मशीन बीयू पर आगे बटन दबाने पर प्रतिक्रिया नहीं करती। अगला वोट तभी संभव होता है जब कंट्रोल यूनिट का प्रभारी पीठासीन अधिकारी अगले मतदाता की जाँच करने और उसे भेजने के बाद कंट्रोल यूनिट पर बैलेट बटन दबाकर बैलेट जारी करता है। यह बैलेट पेपर सिस्टम की तुलना में एक अलग फ़ायदा है। इस तरह ईवीएम “एक मतदाता, एक वोट” के सिद्धांत को सुनिश्चित करती है। इस लिए ईवीएम पर एक से ज़्यादा बार वोट देना संभव नहीं है।
प्रश्न : ईवीएम मतदान प्रनाली के क्या लाभ है ?
उत्तर : (i) ईवीएम में बैलेट यूनिट पर मतदाता द्वारा मतदान बटन दबाकर मतदान किया जाता है, इसलिए कागजी मतपत्र प्रणाली की तरह यह वोट अवैध नहीं होता।
.(ii) ईवीएम में इस्तेमाल की जाने वाली नई तकनीक और प्रशासनिक सुरक्षा के कारण बूथ कैप्चरिंग खत्म हो गई है, जिससे बूथ कैप्चरिंग का प्रयास करने पर भी कोई लाभ नहीं होता। ईवीएम वोटिंग सिस्टम किसी भी परिस्थिति में एक मिनट में 4 से अधिक वोट देने की अनुमति नहीं देता। जिससे सुरक्षा बलों को बूथ कैप्चरिंग करने वालो लोगो के प्रयास का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।
(iii) मतदान समाप्त हो जाने पर CLOSE बटन दबाने के बाद मतदान नही किया जा सकता है ।
(iv) यह तकनीक मतों की त्वरित, त्रुटिरहित एवं गड़बड़ीरहित गणना सुनिश्चित करने मे मदद करती है।
(v) मतदाता VVPAT की मुद्रित पर्ची को देखकर तुरन्त यह सुनिश्चित कर सकता है कि उसके द्वारा किया गया वोट सही ढंग से डाला गया है।
प्रश्न : भारतीय चुनाव में ईवीएम का प्रयोग पहली बार कब किया गया ?
उत्तर : 1982 में केरल के परुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव में बैलेट यूनिट (BU) और कंट्रोल यूनिट (CU) से युक्त इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का प्रयोग पहली बार किया गया था।
प्रश्न : भारत के चुनाव में VVPAT की शुरूआत कब की गई?
उत्तर : ईवीएम के साथ वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) का प्रयोग पहली बार वर्ष 2013 में नागालैंड के नोकसेन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव में किया गया था ।
प्रश्न : क्या ईवीएम और VVPAT बिना बिजली के काम कर सकती है ?
उत्तर : हां, ईवीएम और VVPAT भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा आपूर्ति की गई अपनी बैटरी/पावर-पैक पर चलते हैं। ईवीएम 7.5 वोल्ट के पावर पैक पर चलता है और VVPAT 22.5 वोल्ट के पावर-पैक पर चलता है। इसलिए ईवीएम और VVPAT को किसी बाहरी बिजली आपूर्ति की आवश्यकता नहीं होती है।
प्रश्न : मतदाता द्वारा मतदान करने के बाद VVPAT की मुद्रित पर्ची पर क्या जानकारी लिखी होती है ?
उत्तर : मतदाता द्वारा मतदान करने के बाद VVPAT की पारदर्शी काँच के अंदर की मुद्रित पर्ची पर निम्न लिखित विवरण दिया होता है.
i) अभ्यर्थी क्रमांक
ii) उम्मीदवार का नाम
iii) पार्टी या उम्मीदवार का प्रतीक
iv) सत्र संख्या
v) वीवीपैट आईडी