Kailash Gahlot Resignation- AAP in Crisis | दिल्ली की राजनीति में भूचाल! कैलाश गहलोत का इस्तीफा, केजरीवाल का चुप्पी पर सवाल
Highlights
- गहलोत का इस्तीफा: सोशल मीडिया पर पोस्ट, नीतिगत असफलताओं और राजनीतिक दबाव की बात।
- केजरीवाल की प्रतिक्रिया: पत्रकारों के सवालों को टालना, दुर्गेश पाठक का जवाब देना।
- AAP का बयान: BJP पर राजनीति में गंदी चाल चलने का आरोप।
- गहलोत का आरोप: AAP के एजेंडे से जनता की समस्याएं प्रभावित।
- BJP की प्रतिक्रिया: इस्तीफे को ‘साहसी कदम’ बताया और गहलोत को शामिल करने का ऑफर।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत के अप्रत्याशित इस्तीफे पर सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया। यह घटना उस प्रेस वार्ता के दौरान हुई, जिसमें भाजपा के पूर्व विधायक अनिल झा के आप में शामिल होने की घोषणा की गई।
जब एक पत्रकार ने कैलाश गहलोत के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया मांगी, तो श्री केजरीवाल ने माइक्रोफोन पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक की ओर घुमा दिया। जब पत्रकार ने जवाब पर जोर दिया, तो केजरीवाल ने मुस्कुराते हुए कहा, “आपको जवाब चाहिए, है ना?” इसके बाद दुर्गेश पाठक ने बोलना शुरू किया। हालांकि, केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधा लेकिन गहलोत के इस्तीफे का जिक्र नहीं किया।
गहलोत के इस्तीफे पर AAP का पक्ष
दुर्गेश पाठक ने कहा कि कैलाश गहलोत पिछले कुछ महीनों से ईडी और इनकम टैक्स की जांच का सामना कर रहे थे। “उनके पास कोई विकल्प नहीं था। लेकिन इससे साफ है कि भाजपा दिल्ली चुनाव हार चुकी है। उनके पास कोई मुद्दा नहीं है, वे ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स के माध्यम से लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि हम जनता के मुद्दों पर लड़ रहे हैं।”
आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने गहलोत के इस्तीफे को भाजपा की “गंदी राजनीति” का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, “कैलाश गहलोत को ईडी-सीबीआई के छापों के जरिए दबाव में लाया गया और अब वे भाजपा की स्क्रिप्ट पढ़ रहे हैं। दिल्ली चुनाव से पहले मोदी वॉशिंग मशीन चालू हो गई है। अब कई नेता भाजपा में शामिल किए जाएंगे।”
गहलोत के इस्तीफे की वजह
कैलाश गहलोत ने अपने इस्तीफे की घोषणा अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर की। गृह और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभालने वाले वरिष्ठ नेता ने अपने पत्र में आप के भीतर गंभीर चुनौतियों का उल्लेख किया।
उन्होंने लिखा, “राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं जनता की प्रतिबद्धता से ऊपर हो गई हैं। हमने यमुना को साफ नदी बनाने का वादा किया था, लेकिन वह और ज्यादा प्रदूषित हो गई है।” उन्होंने मुख्यमंत्री आवास के विवाद, जिसे भाजपा ‘शीशमहल’ कहती है, पर भी निशाना साधा।
गहलोत ने आप पर “अपने राजनीतिक एजेंडे” के लिए लड़ने का आरोप लगाया, जिससे “दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं देने की क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई है।” उन्होंने कहा कि “मैंने दिल्ली के लोगों की सेवा के लिए राजनीतिक यात्रा शुरू की थी और इसे जारी रखना चाहता हूं। यही कारण है कि मुझे आप से अलग होने का निर्णय लेना पड़ा।”
भाजपा का जवाब
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने गहलोत के पत्र को “आप से खास आदमी पार्टी” बनने का खुलासा बताया। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष विरेंद्र सचदेवा ने इसे “साहसी कदम” बताते हुए कहा कि यह साबित करता है कि आप के नेता भी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ हैं। उन्होंने गहलोत को भाजपा में स्वागत करने की पेशकश की।
गहलोत का इस्तीफा दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम है, जो आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभा सकता है।
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