भोपाल गैस त्रासदी | Bhopal Gas Tragedy – 1984
भोपाल गैस त्रासदी यहां दुर्घटना है जिसके बारे में सोचते ही 1984 का वह मौत का भयंकर नजारा सामने आ जाता है , जिसमें लगभग 15000 से अधिक लोगों ने अपनी जान गवा दी थी| जिसका कारण था मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में 2 -3 दिसंबर 1984 की रात को यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने में एक जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव होना|
वर्ष 1969 में यू. सी. आई. एल. नामक कारखाने का निर्माण हुआ, इस कारखाने में मिथाइल आइसोसाइनेट नामक गैस से कीटनाशक बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई| कारखाने के सुरक्षा उपकरण ठीक तरह से काम नहीं कर रहे थे और कारखाने में सुरक्षा का मैनुअल अंग्रेजी में था| जबकि कारखाने में काम कर रहे ज्यादा तर कर्मचारियों को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान बिल्कुल भी नहीं था, ऐसे में 2 दिसंबर 1984 की रात 8:30 बजे टैंक नंबर 610 में जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव हुआ और टैंक में दबाव बढ़ जाने के वजह से टैंक खुल गया, और गैस का चारों और फैलना शुरू हो गया| 45 से 60 मिनट के अंतराल में ही लगभग 30 मेट्रिक टन गैस का रिसाव हो गया था| 3 तारीख लगते ही यह हवा जहरीली होने के साथ-साथ जानलेवा भी हो रही थी| फैक्ट्री के पास एक बस्ती थी जहां बाहर गांव से लोग काम के तलाश में आकर रहते थे| गैस जब लोगों के घरों में घुसने लगी तो लोग घबराकर बाहर आए, कई लोगों की तो नींद में ही मौत हो गई किसी ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया, कई लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही थी| अस्पतालों में लोगों की भीड़ बढ़ रही थी और चिकित्सा संस्थानों पर दबाव बढ़ रहा था|
कुछ सप्ताह के अंदर ही राज्य सरकार ने पीड़ितों के लिए कई अस्पताल और चिकित्सालय खोले, परंतु अस्पतालों में नए चिकित्सकों की कमी पढ़ने लगी|
वर्ष 1988 में भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर शुरू किया गया इस अस्पताल में 8 वर्षों के लिए पीड़ितों को मुफ्त उपचार उपलब्ध कराया|
दुर्घटना के पश्चात 7 दिसंबर 1984 को यू. सी. सी. के सी. ई. ओ. वारेन एंडरसन को गिरफ्तार किया गया। परंतु कोर्ट ने उन्हें 2100$ के जमानत पर छोड़ दिया, उसके बाद वह अपने देश अमेरिका चला गया और फिर कभी लौटकर वापस नहीं आया|
1989 के जांच में यह सामने आया कि गैस की वजह से कारखाने के नजदीकी पानी और मिट्टी मछलियों के लिए हानिकारक है|
2011 में सरकार द्वारा मृतको का आंकड़ा 3928 बताया गया, मध्य प्रदेश सरकार ने बताया कि गैस रिसाव के कारण 3787 लोगों की मौत हुई| इस हादसे से में कई लोगों को अनेक तरह की शारीरिक अपंगता और अंधेपन का शिकार होना पड़ा, सरकार द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार करीब 558125 लोग प्रभावित हुए और 3900 लोग पूरी तरह अपंगता के शिकार हुए| जांच में यहां पाया गया कि भोपाल शहर के 100 किलो मीटर के आसपास के दायरे में इसका प्रभाव बूरी तरह पडा था|
गैस पीड़ितों को मुफ्त चिकित्सा राहत प्रदान करने के लिए एक व्यापक चिकित्सा पुनर्वास कार्यक्रम चलाया गया|
इस विषय पैर सिनेमा भी और वेब स्टोरीज भी बनायीं गयी है, हल ही में The Railway Men नामक वेब स्टोरी बनी है, जो इसी विषय पर आधारित है।
भोपाल गैस त्रासदी पर पूछे गए प्रश्न
प्रश्न. भोपाल गैस त्रासदी किस वर्ष हुई थी ?
उत्तर:भोपाल गैस त्रासदी दिसंबर 1984 में हुई थी।
प्रश्न. भोपाल गैस त्रासदी में किस गैस का रिसाव हुआ था ?
उत्तर: भोपाल गैस त्रासदी में मिथाइल आइसोसाइनेट गैस रिसाव हुआ था।
प्रश्न. भोपाल गैस त्रासदी में कितने लोगों की मौत हुई थी ?
उत्तर: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भोपाल गैस त्रासदी में 3928 लोगों की मौत हुई थी।
प्रश्न. भोपाल गैस त्रासदी घटना किस कंपनी में हुई ?
उत्तर: भोपाल गैस त्रासदी यह घटना यूनियन कार्बाइन नामक कंपनी के कारखाने में हुई थी।