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Toggleछत्रपति संभाजी नगर (औरंगाबाद) महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल
छत्रपति संभाजी नगर जिसे औरंगाबाद नाम से भी जाना जाता है। को वर्ष 1610 में मलिक अंबर द्वारा स्थापित किया गया था छत्रपति संभाजी नगर महाराष्ट्र के मराठवाड़ा प्राकृतिक विभाग में आता है जिसका का कुल क्षेत्रफल 10,138 वर्ग किलोमीटर है, और 2011 की जनगणना के अनुसार इसकी कुल जनसंख्या 1,421,879 है। इस जिले की आधिकारिक और सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा मराठी है।

परिवहन साधन
सडक मार्ग : छत्रपति संभाजी नगर नागपूर और मुंबई के बिच समृद्धी महामार्ग पर स्थित है। और औरंगाबाद में एमएसआरटीसी की बस सेवा महाराष्ट्र के सभी जिले और पड़ोसी राज्यों में भी उपलब्ध है।
संभाजी नगर मुंबई से कुल 336 किमी, नागपुर से 494 किमी, हैदराबाद से 411 किमी और दिल्ली से 1236 किमी दूरी पर स्थित है।
रेल मार्ग : छत्रपति संभाजी रेल्वे स्टेशन दक्षिण मध्य रेलवे में स्थित नांदेड़ रेल्वे डिविजन का एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। मुंबई से छत्रपति संभाजी रेलवे स्टेशन की दूरी 372 किलोमीटर है। हैदराबाद से 580 किमी भोपाल से 700 किमी और नई दिल्ली से 1400 किमी का रेल्वे सफर है।
हवाई मार्ग : औरंगाबाद हवाई अड्डा जिसका 2020 में नाम बदलकर छत्रपति संभाजी महाराज हवाई अड्डा कर दिया गया है। इस हवाई अड्डे से एयर इंडिया और इंडिगो एयरलाइंस की नागपुर, मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, जयपुर और हैदराबाद जैसे शहरों से कनेक्टिविटी बनाई जा सकती है।
पर्यटन स्थल
1 ) अजिंठा गुफांए
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर से 106 किमी दूर स्थित अजिंठा गुफाएं भारत के प्रसिद्ध पुरातत्व स्थल है। जिन्हें 1983 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में स्थान दिया गया। ई. स. पूर्व द्वितीय शताब्दी में लगभग 29 चट्टानों को काटकर बौद्ध धर्म से संबंधित चित्रण और शिल्पकारी किए गए हैं। इन गुफाओं में पर्यटन के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं।

2 ) एलोरा गुफांए
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर से 30 किमी दूर स्थित एलोरा गुफाएं भारत के प्रसिद्ध पुरातत्व स्थल है। जिन्हें 1983 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में स्थान दिया गया। इसमें कुल 34 गुफाएं हैं जिनमें 12 बौद्ध गुफाएं, 17 हिंदू गुफाएं और 5 जैन गुफाएं हैं। यह गुफाएं ई. स. 600 से 1000 में बनाए गए हैं। एलोरा गुफाओं में प्रसिद्ध कैलाश मंदिर है, जिसे राष्ट्रकूट राजा कृष्ण प्रथम ने इ. स. पूर्व आठवीं शताब्दी में बनाया था। हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक यहां घूमने आता है ।

3 ) देवगिरी किला
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर जिले में स्थित दौलताबाद किला जिसका नाम बदलकर देवगिरी किला कर दिया गया है। वर्ष 1187 के आसपास यादव राजा भिल्लम पांच द्वारा देवगिरी किले की स्थापना की गई थी। देवगिरी 9 वी शताब्दी से 14वीं शताब्दी तक यादवों की राजधानी रही थी।बाद में वर्ष 1308 में दिल्ली सल्तनत के राजा अलाउद्दीन खिलजी ने इसे जीत कर दिल्ली सल्तनत में शामिल कर दिया और वर्ष 1327 में दिल्ली सल्तनत के राजा मोहम्मद बिन तुगलक ने अपनी राजधानी दिल्ली से देवगिरी स्थानांतरित करके इसका नाम बदलकर दौलताबाद कर दिया था।

4 ) घ्रुस्णेश्वर मंदिर
छत्रपति संभाजी नगर से 30 किलोमीटर दूर स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यह वेरुल गांव में स्थित शिव जी का प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग मंदिर है। यह मंदिर कुल 44000 वर्ग फुट में फैला हुआ है। हर साल शिवरात्री के त्योहार में यहा भारी मात्रा लोग यहा घुमने आते हैं

5 ) जामा मस्जिद
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर में स्थित जामा मस्जिद की स्थापना मुगल सम्राट मलिक अंबर द्वारा वर्ष ई. स. 1612 में अरक किले के पास की गई थी। जो की औरंगाबाद शहर से 4.5 किमी दूर स्थित है। मलिक अंबर की मृत्यु के पश्चात औरंगजेब द्वारा वर्ष 1692 में इस मस्जिद का विस्तार में किया गया।

6 ) बीबी का मकबरा
छत्रपति संभाजी नगर से 6.5 किमी दूर स्थित बीवी का मकबरा जिसकी स्थापना 16 वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा की गई थी। यह मकबरा कुल 25 एकड़ में फैला हुआ हैं, औ रइसका घुंबज पूरी तरह संगमरमर के पत्थर से बनाया गया है। इसके निर्माण हेतु लगने वाला पत्थर जयपुर के खदानों से लाया गया है। औरंगजेब बादशाह इस मकबरे को ताजमहल से भी सुंदर बनाना चाहते थे परंतु औरंगज़ेब द्वारा दिए गए खर्चे से यह मुमकिन नहीं हो पाया इस लिए बीवी के मकबरे को ताजमहल की कॉपी भी कहा जाता है।

7 ) हिमायत बाग
छत्रपति संभाजी नगर से 4.3 किमी दूर स्थित हिमायत बाग की स्थापना 17वीं सदी में हुई थी, जो की फल अनुसंधान स्टेशन और नर्सरी के लिए प्रसिद्ध है। यह बाग 300 एकड़ में फैला हुआ है और अपनी प्राकृतिक रचनाओं से पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है
महत्वपूर्ण खेलों की सूची
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