Kohima Capital of Nagaland | कोहीमा नागालैंड की राजधानी

Kohima Capital of Nagaland | कोहीमा नागालैंड की राजधानी

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Kohima Capital of Nagaland | कोहीमा नागालैंड की राजधानी

प्रस्तावना

भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में बसे नागालैंड राज्य की राजधानी कोहीमा (Kohima) न केवल प्रशासनिक और राजनीतिक केंद्र के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक महत्व, और मनमोहक प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। कोहीमा की पहाड़ियों, वनों, और जनजातीय जीवन ने इसे न केवल पर्यटकों की पहली पसंद बनाया है बल्कि प्रतियोगी परीक्षा जैसे UPSC, राज्य सिविल सेवा और अन्य प्रतियोगिताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अध्ययन विषय भी बनाया है। यह लेख कोहीमा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा, जो विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं दोनों के लिए उपयोगी है।


Kohima Capital of Nagaland | कोहीमा नागालैंड की राजधानी

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1. कोहीमा की भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक लैंडस्केप

कोहीमा नागालैंड राज्य की राजधानी होने के साथ-साथ इसके नगा हिल्स में स्थित एक पर्वतीय शहर है। इसकी औसत ऊँचाई लगभग 1,261 मीटर (4,137 फुट) है, जो इसे प्राकृतिक सौंदर्य और ठंडे जलवायु का भंडार बनाता है। इसके भूगोल का स्थान 25°40′ N अक्षांश और 94°07′ E देशांतर पर आता है।

कोहीमा का क्षेत्रफल लगभग 1,463 वर्ग किलोमीटर है, जो पहाड़ियों और घने वन क्षेत्रों से घिरा हुआ है। यहाँ का वातावरण ठंडा और ताजगी भरा रहता है, खासकर सर्दियों में, जब कभी-कभी बर्फबारी भी होती है। वर्षा का मौसम यहाँ तीन-से-चार महीने तक रहता है, जो समृद्ध वनस्पति और जैव विविधता को पोषित करता है।

  • पहाड़ियाँ, हरियाली और घने जंगल कोहीमा का मुख्य आकर्षण हैं।
  • यहाँ के वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के पक्षी और वन्य जीव पाए जाते हैं।
  • कोहीमा का मौसम वर्ष भर पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।

2. कोहीमा का ऐतिहासिक महत्व

कोहीमा का इतिहास न केवल स्थानीय जनजातीय समाजों के विकास से जुड़ा है, बल्कि यह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान खेले गए एक महत्वपूर्ण युद्ध की वजह से भी प्रसिद्ध है।

नागालैंड का गठन और राजधानी कोहीमा

नागालैंड को 1 दिसंबर 1963 को भारत के पूर्ण राज्‍य का दर्जा मिला था, उसी दिन से कोहीमा को इसकी राजधानी घोषित किया गया। इससे पहले यह क्षेत्र असम का हिस्सा था और ब्रिटिश शासन में भी इसकी ऐतिहासिक अहमियत रही।

द्वितीय विश्व युद्ध और कोहीमा की लड़ाई

1944 में कोहीमा भारतीय उपमहाद्वीप में जापानी सेना और ब्रिटिश सेना के बीच युद्धक्षेत्र था। “Battle of Kohima” ने जापानी सेनाओं की भारत के अंदर घुसपैठ को रोकने में केंद्रीय भूमिका निभाई। जानबूझकर कठिन पहाड़ी क्षेत्र में इस लड़ाई को इतिहास में “एशिया का स्टालिनग्राद” भी कहा जाता है।

  • कोहीमा युद्ध स्मारक (War Cemetery) में ब्रिटिश, भारतीय और मित्र राष्ट्रों के सैनिकों के सम्मान में कब्रें हैं।
  • इस लड़ाई ने नागालैंड और कोहीमा को विश्व मंच पर एक सम्मानपूर्ण जगह दिलाई।

3. जनसंख्या और सामाजिक संरचना

कोहीमा जिले की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 2,67,988 है। यहाँ पुरुषों की संख्या लगभग 1,38,966 और महिलाओं की संख्या लगभग 1,29,022 है। जनसंख्या में बच्चों की संख्या भी काफी है। कोहीमा की साक्षरता दर लगभग 85.23% है, जिसमें पुरुष साक्षरता 88.69% और महिला साक्षरता 81.48% है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।

जनजातीय विविधता

कोहीमा ही नहीं, नागालैंड के अधिकांश हिस्से में विभिन्न जनजातियाँ रहती हैं, जिनमें अंगामी नागा कोहीमा जिले की प्रमुख जनजाति है। इसके अलावा अन्य जनजातियाँ जैसे आओ, रेंगमा, सुमी, और चाखेसांग यहाँ मिलते हैं।

  • पारंपरिक रूप से गाँव ‘खेल’ (Khel) में बंटे होते हैं, जो सामाजिक और प्रशासनिक इकाइयां हैं।
  • ‘मोरुंग’—युवा पुरुषों का प्रशिक्षण एवं सामाजिक संस्थान यहां की साक्षरता और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र है।

4. कोहीमा की आर्थिक स्थिति

कोहीमा की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि, हस्तशिल्प, और पर्यटन पर आधारित है।

  • कृषि के अंतर्गत धान, मक्का, आलू, सब्ज़ियाँ और फलों की खेती प्रमुख है।
  • ‘टेरेस खेती’ का प्रयोग ऊँची पहाड़ी स्थित क्षेत्रों में होता है जो पारंपरिक विधि है।
  • हस्तशिल्प में बुनाई (handloom), लकड़ी की नक्काशी, शॉल निर्माण आदि प्रमुख हैं।
  • पर्यटन से कोहीमा में रोजगार उत्पन्न होते हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।

5. जलवायु और पर्यावरण

कोहीमा का जलवायु आर्द्र, उप-उष्णकटिबंधीय (humid subtropical) है, जिसमें वर्षा की पर्याप्त मात्रा होती है।

  • सर्दियों में तापमान 7°C तक गिर जाता है और ऊँचे इलाकों में बर्फबारी भी होती है।
  • गर्मियों में तापमान अधिकतम 30°C तक पहुंचता है।
  • मानसून काल में भारी बारिश होती है, जिससे क्षेत्र हरा-भरा होता है।

पर्यावरण संरक्षण को लेकर स्थानीय प्रशासन और समुदाय सक्रिय हैं, लेकिन बढ़ती आबादी और विकास संबंधी दबाव पर्यावरण पर प्रभाव डाल रहे हैं।


6. कोहीमा के प्रमुख दर्शनीय स्थल

कोहीमा वार सिमेट्री (War Cemetery)

द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए सैनिकों की याद में बना यह स्थल शांति और सम्मान का प्रतीक है। यहाँ युद्ध की कब्रें सुव्यवस्थित हैं, और हर साल यहाँ श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

डज़ुको वैली (Dzükou Valley)

कोहीमा के समीप स्थित यह घाटी अपने दुर्लभ फूलों के लिए मशहूर है, खासकर डज़ुको लिली। यहाँ का ट्रेकिंग मार्ग पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

किसामा हेरिटेज विलेज (Kisama Heritage Village)

यहाँ नागा जनजातियों की कला, नृत्य, और शिल्प का समावेश होता है। यह स्थल हॉर्नबिल फेस्टिवल का आयोजन स्थल भी है।

मैरी हेल्प ऑफ क्रिश्चियन कैथेड्रल (Mary Help of Christians Cathedral)

कोहीमा की एक प्रमुख धार्मिक और वास्तुशिल्पीय इमारत, जो अपने रंगीन स्टेन ग्लास विंडोज़ के लिए प्रसिद्ध है।

तुओफेमा टूरिस्ट विलेज (Tuophema Tourist Village)

यहाँ अंगामी संस्कृति के पारंपरिक रीति-रिवाज और उत्सव देखे जा सकते हैं।


7. सांस्कृतिक जीवन और प्रमुख त्योहार

कोहीमा में विविध जनजातियों का मिलाजुला सांस्कृतिक जीवन चलता है। यहाँ के प्रमुख त्योहार निम्नलिखित हैं:

  • हॉर्नबिल फेस्टिवल: दिसंबर के प्रथम दस दिन किसामा हेरिटेज विलेज में मनाया जाता है। इसे ‘फेस्टिवल ऑफ़ फेस्टिवल्स’ कहा जाता है जिसमें पारंपरिक नृत्य, संगीत, खेल, और हस्तशिल्प प्रदर्शित होते हैं।
  • सेक्रेनयी (Sekrenyi): अंगामी जनजाति का प्रमुख उत्सव, जो शुद्धिकरण और सामुदायिक सौहार्द का प्रतीक है।
  • अन्य जनजातीय उत्सव जैसे रेंगमा, आओ, सुमी आदि के त्योहार भी क्षेत्रीय संस्कृति को आगे बढ़ाते हैं।

8. शिक्षा और विकास

कोहीमा में नागालैंड विश्वविद्यालय के साथ-साथ अनेक स्कूल और कॉलेज हैं, जो उत्तम शिक्षा और कौशल विकास का केंद्र हैं।

  • यहाँ साक्षरता दर उच्च है और शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं।
  • स्मार्ट सिटी पहल के तहत कोहीमा में आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास तेजी से हो रहा है।

9. चुनौतियाँ और समाधान

कोहीमा के समक्ष पर्यावरण संरक्षण, वायु प्रदूषण नियंत्रण, जनसंख्या दबाव, और सांस्कृतिक संरक्षण जैसी चुनौतियाँ हैं।

  • सरकार और स्थानीय समुदाय स्थायी पर्यटन, हरित ऊर्जा योजनाओं, और सांस्कृतिक जागरूकता की दिशा में काम कर रहे हैं।

कोहीमा (Kohima) संबंधित सामान्य प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: कोहीमा किस राज्य की राजधानी है?
उत्तर: कोहीमा, नागालैंड राज्य की राजधानी है। यह भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित है।

प्रश्न 2: कोहीमा की औसत ऊँचाई कितनी है?
उत्तर: कोहीमा लगभग 1,261 मीटर (4,137 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है, जो इसे पर्वतीय क्षेत्र बनाती है।

प्रश्न 3: कोहीमा का क्षेत्रफल कितना है?
उत्तर: कोहीमा जिला लगभग 1,463 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।

प्रश्न 4: कोहीमा का इतिहास क्या है?
उत्तर: कोहीमा की स्थापना 1878 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। यह द्वितीय विश्व युद्ध में ‘कोहीमा की लड़ाई’ के कारण प्रसिद्ध है, जो भारत में जापानी सेना की घुसपैठ को रोका। 1963 में इसे नागालैंड की राजधानी घोषित किया गया।

प्रश्न 5: कोहीमा की प्रमुख जनजाति कौन सी है?
उत्तर: कोहीमा में प्रमुख जनजाति अंगामी नागा है, इसके अलावा अन्य भी जनजातियाँ निवास करती हैं।​

प्रश्न 6: कोहीमा का प्रमुख त्यौहार कौन सा है?
उत्तर: हॉर्नबिल फेस्टिवल कोहीमा में मनाया जाने वाला प्रसिद्ध जनजातीय और सांस्कृतिक त्यौहार है, जो दिसंबर में आयोजित होता है।

प्रश्न 7: कोहीमा में शिक्षा के प्रमुख संस्थान कौन-कौन से हैं?
उत्तर: कोहीमा में नागालैंड विश्वविद्यालय जैसी प्रमुख शैक्षणिक संस्थाएँ स्थित हैं, साथ ही कई स्कूल और कॉलेज भी हैं।​

प्रश्न 8: कोहीमा के प्रमुख पर्यटन स्थल कौन-कौन से हैं?
उत्तर: कोहीमा वार सिमेट्री (War Cemetery), डज़ुको वैली (Dzükou Valley), किसामा हेरिटेज विलेज जैसे स्थल पर्यटकों में लोकप्रिय हैं।

प्रश्न 9: कोहीमा पहुंचने के प्रमुख तरीके क्या हैं?
उत्तर: निकटतम एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन दीमापुर में है, जो कोहीमा से लगभग 48-74 किमी दूर है। सड़क मार्ग से कोहीमा आना सुविधाजनक है।

प्रश्न 10: कोहीमा की जलवायु कैसी है?
उत्तर: कोहीमा की जलवायु आर्द्र उपोष्णकटिबंधीय है, जहाँ सर्दियाँ ठंडी और गर्मियाँ गर्म होती हैं, मानसून में भारी वर्षा होती है।


निष्कर्ष

कोहीमा सिर्फ नागालैंड की राजधानी नहीं, बल्कि इतिहास, संस्कृति, और प्रकृति का संगम है। यहाँ की वीरता की गाथाएं, पर्वतीय नजारें, जीवंत जनजातीय जीवन और रंगीन उत्सव इसे अद्वितीय बनाते हैं। प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए कोहीमा का विस्तृत अध्ययन उम्मीदवारों को सामाजिक और भूगोलिक ज्ञान में समृद्ध करता है।


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