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ToggleRBI की मौद्रिक नीति | Monetary Policy of RBI
मौद्रिक नीति बनाने का अधिकार हर देश के केंद्रीय बैंक (Central Bank) को होता है I और भारत में मौद्रिक नीति तैयार करने का अधिकार भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) को है। इसके जरीए भारतीय रिजर्व बैंक भारत के अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आपूर्ति को नियंत्रित करता है I जिससे देश में महंगाई (Inflation) को नियंत्रित किया जा सके और अर्थव्यवस्था को विकास की तरफ बढ़ावा मिल सके ।

मौद्रिक नीति समिति का गठन
आर.बी.आई. की मौद्रिक नीति समिति का गठन उर्जित पटेल समिति के सुझाव पर भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत 27 जुन 2016 को स्थापित किया गया है. इस समिति में 6 सदस्य होते हैं, इसमें उनमें तीन सदस्य आर.बी.आई. द्वारा नियुक्त किए जाते हैं और बाकी तीन सदस्य भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। मौद्रिक नीति समिति के पदसिद्ध अध्यक्ष के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर कार्य संभालते हैं|
जब भी महंगाई बढ़ती है तब रिजर्व बैंक बाजार में पूंजी के प्रवाह को कम करता है। ताकि चीजों के दामों में कमी आ सके I भारतीय रिजर्व बैंक के सामने सबसे बड़ी चुनौती मतलब महंगाई को नियंत्रण में रखना और इसी संतुलन को बनाए रखने के लिए आर.बी.आई. हर 2 महीने में अपनी मौद्रिक नीति जारी करती है I
RBI बाजार में पूंजी को नियंत्रित करने के उपकरण:
आर.बी.आई. के पास कुछ ऐसे उपकरण है जिनसे की बाजार में पूंजी के प्रवाह को कम या ज्यादा किया जा सके और महंगाई का संतुलन बनाए रखने में मदद हो सके I जिसमे रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, कैश रिजर्व रेशियो, बैंक रेट, स्टेचुअरी लिक्विडिटी रेशियो है I
आज हम जानेंगे कि आरबीआई कैसे इन उपकरणों के जरिए बाजार में पूंजी पर नियंत्रण रखता है
रेपो रेट (Repo Rate):
रेपो रेट वह दर है जिसमें किसी भी देश की केंद्रीय बैंक उस देश के कमर्शियल बैंकों को बहुत ही कम समय के लिए पैसे उधार देता है। भारत में यह अधिकार आर.बी.आई. को हैI जब महंगाई ज्यादा होती है तब आर.बी .आई. रेपो रेट बढ़कर मार्केट में पूंजी कम कर देता है। रेपो रेट बढ़ेगा तो बैंकों को मिलने वाला लोन भी महंगा होगा और और कमर्शियल बैंक ग्राहकों को लोन महंगे दर पर देगी। इससे इकोनामी मे मनी फ्लो कम होगा I
दिसंबर 2023 में RBI ने रेपो रेट 6.5% परिवर्तित रखा है।
रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate):
रिवर्स रेपो रेट(RRR) रेपो रेट के विपरीत होता है। भारतीय कमर्शियल बैंक अपने पास बची अतिरिक्त राशि भारतीय रिजर्व बैंक में जमा करती है और उस पर भारतीय रिजर्व बैंक कमर्शियल बैंकों को आकर्षक ब्याज दर प्रदान करती हैI
वर्तमान में रिवर्स रेपो रेट 3.35% है।
बैंक रेट (Bank Rate):
बैंक रेट वह दर है जो भारतीय रिजर्व बैंक कमर्शियल बैंकों को लंबे समय के लिए पैसे उधार देते समय लगाया जाता है। बैंक दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा तैयार किया जाता है।
वर्तमान में बैंक रेट 5.15% है
कैश रिजर्व रेशियो (Cash Reserve Ratio):
कैश रिजर्व रेशियो (CRR) मतलब वाणिज्य बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक में अपने कुल जमा राशि का कुछ प्रतिशत जमा रखना होता है। इस जमा राशि को ही नगद आरक्षित अनुपात या कैश रिजर्व रेशियो कहा जाता है।
वर्तमान में कैश रिजर्व रेशियो4.5% है
वैधानिक तरलता अनुपात Statuary Liquidity Ratio (SLR):
SLR वह अनुपात है जिस पर कमर्शियल बैंक अपने कुल जमा राशि का कुछ हिस्सा अपने पास रिजर्व रखती है। जिससे बैंकों को आपातकालीन स्थिति में बचाया जा सके। वैधानिक तरलता अनुपात सोना, नगदी राशि, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित प्रतिभूतियों के रूप में भी हो सकता है।
वर्तमान में एस.एल.आर. 18% है।
