नागपूर जिला महत्वपूर्ण पर्यटन और धार्मिक स्थल | NAGPUR IMPORTANT PLACES

नागपूर जिला महत्वपूर्ण पर्यटन और धार्मिक स्थल | NAGPUR IMPORTANT PLACES

नागपूर जिला महत्वपूर्ण पर्यटन और धार्मिक स्थल

नागपुर जिला जिसको संत्रा नगरी (Orange City) के नाम से भी जाना जाता है, की स्थापना वर्ष 1702 में राजा बख्त बुलंद द्वारा की गई थी।

नागपुर शहर को पर्यटन के क्षेत्र में अद्वितीय सामान्य महत्व है। छुट्टियों के सीजन में हजारों की संख्या मे लोग अपनी छुट्टियां काटने के लिए अलग-अलग पर्यटन स्थलों में घूमने के लिए जाते हैं। उन्ही में से एक स्थल नागपुर के कुछ महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थलों के बारे में आज के इस लेख में हम जानेंगे।

नागपूर जिला महत्वपूर्ण पर्यटन और धार्मिक स्थल | NAGPUR IMPORTANT PLACES

1 ) कोराडी मंदिर

नागपूर शहर से 15 किमी दुरी पर कोराडी मे स्थित जगदंबा माता मंदिर जागृत है, ऐसा भावीको का मानना है।

प्रतिवर्ष नवरात्र में यहा बहोत बड़ी यात्रा भरती है। देश भर से बहोत से भक्त यहा मंदिर में दर्शन करने आते हैं।

2 ) ताजबाग

नागपूर सिता बर्डी रेल्वे स्टेशन से 6.5 किमी दुर स्थित हजरत बाबा ताजुद्दीन मतलब छोटा ताजबाग यह सभी धर्मियो के लिए श्रद्धास्थान है। बाबा ताजुद्दीन का जन्म वर्ष 27 जनवरी 1862 को कामठी में हुआ था। नगपूर शहर से उमरेड रोड पर स्थित मजिद को बडा ताजबाग नाम से जाना जाता है।

3) दिक्षाभूमी

नागपूर रेल्वे स्टेशन से 5 किमी दूर स्थित दिक्षाभूमी मे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने विजयादशमी के दिन अपने लाखो बंधुओ के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी, जिस वजह से यह स्थल लोगो के लिए पर्यटन का स्थल बना। प्रतिवर्ष विजयदशमी के दिन देश भर से लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।

4 ) कुवारा भीमसेन मंदिर

नागपुर रेल्वे स्टेशन से 55 किमी दुर मंनसर रोड पर और नाग नदी के किनारे स्थित कुवारा भीमसेन मंदिर बहुत ही आकर्षक पर्यटन स्थल है । हर साल यहां चैत्र के माह में यात्रा भरती है, और यह यात्रा 15 दिनों तक चलती है।

5 ) राम मंदिर रामटेक

नागपुर रेलवे स्टेशन से 51 किलोमीटर दूर रामटेक में स्थित राम मंदिर बहुत ही सुंदर और पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल है। वनवास के दौरान श्री राम प्रभु सिंधुगिरी पर्वत पर विश्राम के लिए रुके थे। इस लिए इस गांव को रामटेक नाम से जाना जाता है। रामटेक के राम मंदिर में देश भर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। रामटेक से पूर्व दिशा में 5 किमी दूर अंबाबद्रीळा तीर्थस्थान है, इस जगह लोग अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम करने के लिए आते हैं।

6 ) अंबाझरी उद्यान

नागपूर रेल्वे स्टेशन से 5.5 किलोमीटर दूर पश्चिम की दिशा में अंबाझरी उद्यान है। अंबाझरी उद्यान कुल 18 एकड़ में फैला हुआ है। और नाग नदी पर अंबाझरी तलाव स्थित है, जिसका पानी नागपुर वासियों के पीने के लिए उपयोग में लाया जाता है।

7 ) सीताबर्डी किल्ला

नागपुर शहर के रेलवे स्टेशन के बाजू में ही सीताबर्डी किल्ला स्थित है। इसी किले में अंग्रेज और भोसले राजाओं में लड़ाई हुई थी। और इसी किल्ले में टीपू सुल्तान के पोते कादर अली को 1858 में फांसी दी गई थी। इसी किल्ले में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को वर्ष 1923 में बंदी बनाया गया था। यह किल्ला 26 जनवरी और 15 अगस्त के दिन ही पर्यटकों के लिए खोला जाता है।

8 ) जीरो माइल स्टोन स्मारक

जीरो माइल स्टोन कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कोलकाता से लेकर मुंबई तक फैले हुए हमारे देश को इस जीरो माइल स्टोन ने बांध के रखा है। माना जाता है कि हमारे देश के रास्तों की शुरुआत यहीं से होती है। देश के केंद्र में स्थित इस स्थान का नागपुर शहर के सुंदरता में बहुत बड़ा योगदान है।

9 ) रमन साइंस केंद्र

नागपुर रेलवे स्टेशन से 1.5 किलोमीटर दूर स्थित रमन साइंस केंद्र की स्थापना वर्ष 1987 में की गई थी। इस जगह बड़े पैमाने पर आयुर्वेदिक पेड़ लगाए गए हैं। केंद्र में मुख्य आकर्षण तारामंडल की स्थापना 1997 की गई थी, यहां पर भर दिन में भी तारे दिखाई देते हैं।

10 ) फुटाला तलाव

नागपुर रेलवे स्टेशन से 5:5 किलोमीटर दूर स्थित फुटाला तलाव प्रेक्षकों के लिए एक बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक स्थल है। यहां तलाव स्कूल 60 एकड़ में फैला हुआ है, जिसका निर्माण नागपुर के भोंसले राजाओं ने किया था। इस झील के पर्यटन हेतु प्रतिदिन 1000 से 1500 लोग शाम के समय आते हैं। और इसकी सुंदरता का लाभ उठाते हैं।

11 ) पातालेश्वर मंदिर

नागपुर रेलवे स्टेशन से 2.5 किलोमीटर दूर स्थित पातालेश्वर मंदिर की स्थापना रघुजी भोसले इन्होंने वर्ष 1971 में की थी। इस मंदिर में भगवान श्री शंकर जी की भव्य मूर्ति होने के साथ-साथ इस मंदिर का काम जमीन के नीचे हुआ है इसलिए इस मंदिर को पातालेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

12 ) पेंच बाघ अभयारण्य

नागपूर शहर से 80 किलोमीटर दूर स्थित पेंच राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1 अक्टूबर 1990 में की गई थी। बाद में इसे भारत का 25 वां बाघ अभ्यारण घोषित किया गया। यह परिसर कुल 260 चौरस किलोमीटर भाग में फैला हुआ है। इस अभयारण्य में कई प्रकार के प्राणी वास्तव करते हैं। इस अभ्यारण में पर्यटकों के पर्यटन करने के लिए सफारी बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।


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