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ToggleParakram Diwas 2025 | पराक्रम दिवस 2025 (नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती)
हर साल संपूर्ण भारत में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस त्यौहार की तरह मनाया जाता है, परंतु इसकी तैयारी तीन दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। इस अवसर को और यादगार बनाने के लिए और पुरे देश में देश प्रेम की भावना को बढ़ावा देने के लिए हर साल सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर 23 जनवरी को “पराक्रम दिवस” मनाया जाता है।
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पराक्रम दिवस की शुरुआत कब हुई?
जनवरी 2021 में भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की 124 वीं जयंती के अवसर पर नेताजी द्वारा भारत के स्वतंत्रता के लिए किए गए प्रयासो को सम्मानित करने और भारतीय जनता में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 19 जनवरी 2021 को यह घोषणा की की संपूर्ण भारत में प्रतिवर्ष 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ मनाया जाएगा। ‘ पराक्रम ‘ का अर्थ ‘वीरता’ या ‘साहस’ होता है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में 23 जनवरी 2021 को पहला ‘पराक्रम दिवस’ मनाया गया।
पराक्रम दिवस 2025
23 जनवरी 2025 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती मनाई जा रही है। इसी के साथ 2025 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर भारत में “पराक्रम दिवस” की पांचवीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।
पराक्रम दिवस 2025 के अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मस्थल, उड़ीसा के ऐतिहासिक शहर कटक के बाराबती किले में संस्कृति मंत्रालय द्वारा 23 जनवरी से 25 जनवरी 2025 तक पूरे 3 दिन तक एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा।
इस समारोह का उद्घाटन उड़ीसा के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री मोहन चारण मांझी द्वारा 23 जनवरी 2025 को किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल सरकार का उपक्रम
नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा किए गए पराक्रम को सम्मानित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने 23 जनवरी को ‘ देश प्रेम दिवस ‘ मनाने का प्रस्ताव रखा। उसपर सरकार ने घोषणा की है कि 23 जनवरी 2021 से प्रतिवर्ष नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जन्म दिन के अवसर पर ‘ पराक्रम दिवस ‘ मनाया जाएगा।
नेताजी का प्रारंभिक जीवन
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस कुल चौदह भाई बहन थे, जिनमे से नेताजी नौवें पुत्र थे। उनकी माता का नाम प्रभावती दत्त और पीता का नाम जानकीनाथ बोस था। नेतजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था। उनके पीता एक प्रसिद्ध और अमीर बंगाली वकील थे। नेताजी ने तत्कालीन कलकत्ता ( आज का कोलकाता) में स्कॉटिश चर्च कॉलेज और प्रेसीडेंसी कॉलेज में पढ़ाई की, जहाँ उन्हें उनकी राष्ट्रवादी गतिविधियों के चलते 1916 में कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने 1919 में अपनी स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सक्रिय
1927 में नेताजी, जवाहरलाल नेहरू के साथ कांग्रेस पार्टी के महासचिव के रूप में शामिल हुए, और वर्ष 1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के हरिपुरा सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति की गई। परंतु गांधीवादी विचारों से मतभेद होने की वजह से उन्होंने वर्ष 1939 में राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सुभाष चंद्र बोस ने 3 मई, 1939 को उत्तर प्रदेश के मकरौर उन्नाव में ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की। यह गट भारत में वामपंथी राष्ट्रवादी राजनीतिक दल है ।
इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) या आजाद हिंद फौज
रास बिहारी बोस ने जापानी सेना में नियंत्रण सिंगापुर में अक्टूबर 1942 को इंडियन नेशनल आर्मी (INA) के गठन की घोषणा की, जिसे ‘आजाद हिंद फौज’ भी कहा जाता है। जिसका नेतृत्व बाद मेंनेताजी सुभाष चंद्र बोस ने किया था। जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी।
पराक्रम दिवस संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
1 ) पराक्रम दिवस 2025 किस दिन मनाया जाएगा ?
उत्तर : 23 जनवरी 2025 को उड़ीसा के ऐतिहासिक शहर कटक में ‘पराक्रम दिवस’ 2025 मनाया जाएगा।
2 ) 2025 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की कौन सी जयंती मनाई जाएगी ?
उत्तर : 23 जनवरी 2025 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जन्म वर्षगांठ मनाई जाएगी।
3 ) ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना किसने की थी ?
उत्तर : 3 मई, 1939 को उत्तर प्रदेश के मकरौर उन्नाव में सुभाष चंद्र बोस ने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की।
4 ) पहली बार पराक्रम दिवस कब मनाया गया था ?
उत्तर : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में 23 जनवरी 2021 को पहली बार ‘पराक्रम दिवस’ मनाया गया।
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