Table of Contents
ToggleThe State Symbols of Maharashtra | महाराष्ट्र के राज्य प्रतीक
राज्य की संस्कृति, इतिहास और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए प्रत्येक राज्य में राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए कुछ राजकीय प्रतीक रहना आवश्यक है ।
प्रत्येक राज्य में कुछ विशेष जगह पर विशेष प्रकार के फूल, पौधे और प्राणी पाए जाते हैं, जो किसी और जगह पर पाए नहीं जाते । इनकी रक्षा करना और इनका अस्तित्व बनाए रखने के लिए प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा इन्हें राज्य की पहचान के तौर पर राज्य के प्रतीक के रूप में नामित किया जाता है ।
आज के इस लेख में हम महाराष्ट्र राज्य के कुछ महत्वपूर्ण राजकीय प्रतीक के बारे में जानेंगे, जो कीराज्य के प्रत्येक नागरिक को जानना चाहिए ।

महाराष्ट्र का राज्य पशु | State Animal of Maharashtra
महाराष्ट्र का राजकीय पशु शेखरू है, यह एक प्रकार की विशाल गिलहरी हैं, जो कि महाराष्ट्र के पश्चिम घाट में पाई जाती है। महाराष्ट्र में पाई जाने वाली इस विशाल गिलहरी का वजन लगभग 1.5 से 3 किलोग्राम के बीच होता है। सिर से शरीर तक की कुल लंबाई लगभग 30 से 45 सेमी (1 से 2 फीट ) तक होती है। शरीर का रंग गहरे लाल या भूरे रंग का होता है, तथा पेट पर सफेद बाल होते हैं।
यह विशाल गिलहरी शिकारियों से बचने के लिए ऊंचे पेड़ों पर 15 से 20 मीटर ऊपर अपना घोंसला बनाती है।
महाराष्ट्र का राज्य पक्षी | State Bird of Maharashtra
महाराष्ट्र के शेगाव में पाए जाने वाला पीले पैरों वाला हरे रंग का कबूतर, जिसे हरियल के नाम से भी जाना जाता है। हरियल को महाराष्ट्र के राज्य पक्षी का दर्जा दिया गया है। हरियल कबूतर का वैज्ञानिक नाम ट्रेरॉन फ़ीनिकोप्टेरा रखा गया है। इस पक्षी का आकार 29 सेंटीमीटर से लेकर ज्यादा से ज्यादा 33 सेंटीमीटर तक होता है, तथा इसका वजन मात्र 225 ग्राम से 260 ग्राम के बीच होता है। यह पक्षी अधिकतर झुंड में रहना पसंद करता है।
महाराष्ट्र की राज्य मछली | State Fish of Maharashtra
क्षेत्र में सिल्व्हर पॉमफ्रेट के घटते आबादी को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 2023 में सिल्वर पॉमफ्रेट को महाराष्ट्र की राज्य मछली घोषित किया।
IUCN की रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में सिल्वर पॉमफ्रेट की संख्या में गिरावट देखी गई है।
महाराष्ट्र का राज्य पुष्प | State Flower of Maharashtra
जरुल जिसे वैज्ञानिक नाम ‘लेगरस्ट्रोमिया स्पेशिओसा’ है, को महाराष्ट्र के राज्य पुष्प का दर्जा दिया गया है।
जरुल पौधे के फूल चमकीले गुलाबी से लेकर हल्के बैंगनी रंग के होते हैं। यह भारत सहित दक्षिण एशिया में भी पाया जाता है। इस फूल का अर्थ शानदार या सजावटी होता है।
इस पौधे के फूल साल में केवल एक बार, गर्मियों के चरम पर खिलते हैं। और इस फूल का उपयोग दवाओं तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधित देखभाल उत्पादों की तैयारी में किया जाता है।
महाराष्ट्र का राज्य वृक्ष | State Tree of Maharashtra
आम को महाराष्ट्र के राजकीय वृक्ष का दर्जा दिया गया है। जो की एनाकार्डिएसी परिवार का एक पुष्पीय पौधा है। आम का वैज्ञानिक नाम मैंगीफेरा इंडिका है, जिसकी कुल ऊंचाई 15 से 30 मीटर ऊंची है। आम के पेड को जनवरी माह में फूल लगते हैं, और मार्च तक इसमें फल लगना शुरू हो जाते हैं तथा यह आम अप्रैल से जुन माह तक पकते हैं।
महाराष्ट्र की राज्य तितली | State Butterfly of Maharashtra
ब्लू मॉर्मन जिसे वैज्ञानिक नाम ‘पैपिलियो पॉलीमनेस्टर’ है, को महाराष्ट्र के राजकीय तितली का दर्जा प्राप्त है।
ब्लू मॉर्मन एक बड़ी स्वैलोटेल तितली है जो दक्षिणी भारत और श्रीलंका में पाई जाने वाली चौथी सबसे बड़ी तितली है।
महाराष्ट्र की राज्य माता | State Mother of Maharashtra
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने 30 सितंबर 2024 को ‘देसी गाय’ को महाराष्ट्र की राज्य माता के रूप में घोषित किया। क्षेत्र में गायों के संरक्षण के लिए सरकार ने प्रति दिन 50 रुपये का भत्ता भी जारी किया।
महाराष्ट्र में देसी गायों की कई नस्ल है, जिनमें से मराठवाड़ा में देवनी और लाल कंधारी इसके अलावा पश्चिम महाराष्ट्र में खिल्लर और उत्तर महाराष्ट्र में डांगी नस्ल की गायें हैं।
महाराष्ट्र का राज्य कादळवन वृक्ष | State Forest Tree of Maharashtra
सफेद चिप्पी (सोनोरेशिया अल्बा – Sonneratia alba) को महाराष्ट्र राज्य का कादळवन वृक्ष घोषीत किया गया है। इस तरह की घोषणा करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है। महाराष्ट्र का समुद्री तट सुंदर कादळवन से सुसज्जित है। किस प्रजाति के वृक्ष की जड़ों में जल प्रदूषण को कम करने की क्षमता होती है।
महाराष्ट्र का राज्य गीत | State Song of Maharashtra
‘जय जय महाराष्ट्र माझा’ गीत को महाराष्ट्र राज्य के राज्य गीत के रूप में घोषीत किया गया है।
इस गीत को 31 जनवरी 2023 को महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई, और 19 फरवरी 2023 को मराठा साम्राज्य के संस्थापक श्री छत्रपति शिवाजी महाराज के जयंती के अवसर पर अपनाया गया है।
यह गीत राजा बढे द्वारा लिखा गया है तथा इस गीत को लोकगायक कृष्णराव उर्फ शाहीर साबले द्वारा गाया गया था। और संगीत श्रीनिवास खळे ने दिया था।
इस गीत को गाने में 1.41 मिनट का समय लगता है।
महाराष्ट्र के राज्य प्रतीक संबंधित प्रश्न
1 ) महाराष्ट्र का राज्य पशु कौन सा है ?
उत्तर : महाराष्ट्र के पश्चिम घाट में पाई जाने वाली शेखरू नामक विशाल गिलहरी को महाराष्ट्र के राज्य पशु का दर्जा दिया गया है।
2 ) महाराष्ट्र के राज्य पक्षी का दर्जा किसे दिया गया है ?
उत्तर : पीले पैरों वाला हरे रंग का कबूतर, जिसे हरियल के नाम से भी जाना जाता है, को को महाराष्ट्र के राज्य पक्षी का दर्जा दिया गया है।
3 ) महाराष्ट्र की राजकीय मछली कौन सी है ?
उत्तर : महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 2023 में सिल्वर पॉमफ्रेट को महाराष्ट्र की राज्य मछली घोषित किया।
4 ) महाराष्ट्र का राज्य पुष्प कौन सा है ?
उत्तर : जरुल जिसे वैज्ञानिक नाम ‘लेगरस्ट्रोमिया स्पेशिओसा’ है, को महाराष्ट्र के राज्य पुष्प का दर्जा दिया गया है।
5 ) महाराष्ट्र के राज्य तितली का दर्जा किसे दिया गया है ?
उत्तर : ब्लू मॉर्मन जिसे वैज्ञानिक नाम ‘पैपिलियो पॉलीमनेस्टर’ है, को महाराष्ट्र के राजकीय तितली का दर्जा प्राप्त है।
6 ) महाराष्ट्र का राजकीय वृक्ष कौन सा है ?
उत्तर : एनाकार्डिएसी परिवार के आम को महाराष्ट्र के राज्य वृक्ष का दर्जा दिया गया है।
7 ) महाराष्ट्र की राज्य माता का दर्जा किसे दिया गया है ?
उत्तर : 30 सितंबर 2024 को ‘देसी गाय’ को महाराष्ट्र के राज्य माता का दर्जा दिया गया है।
8 ) महाराष्ट्र का राज्य गीत क्या है ?
उत्तर : राजा बढे द्वारा लिखीत ‘जय जय महाराष्ट्र माझा’ गीत को महाराष्ट्र राज्य का राज्य गीत घोषीत कीया गया है।
संबंधित पोस्टों
शीर्षक | लिंक |
---|---|
2025 मकर संक्रांति | 2025 मकर संक्रांति |
लोहड़ी 2025 | लोहड़ी 2025 |
राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 | राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 |
स्वामी विवेकानंद जयंती 2025 | स्वामी विवेकानंद जयंती 2025 |