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ToggleWomen Empowerment | भारत सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के किए गए प्रयास
भारत सरकार महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं और नीतियों पर कार्य कर रही है। देश अब “महिला विकास” से आगे बढ़कर “महिला-नेतृत्व विकास” के पथ पर अग्रसर हो रहा है। महिलाएँ शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल समावेशन और नेतृत्व में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं।

संवैधानिक एवं कानूनी ढांचा
भारतीय संविधान महिलाओं को समानता का अधिकार प्रदान करता है:
अनुच्छेद 14 – कानून के समक्ष समानता।
अनुच्छेद 15 – लिंग के आधार पर भेदभाव निषेध।
अनुच्छेद 39 एवं 42 – समान वेतन, मातृत्व लाभ एवं आजीविका के समान अवसर।
अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ जिनमें भारत शामिल है:
मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (1948)
नागरिक एवं राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय वाचा (1966)
सभी प्रकार के भेदभावों के उन्मूलन पर कन्वेंशन (CEDAW, 1979)
बीजिंग घोषणा एवं कार्ययोजना (1995)
सतत विकास लक्ष्य (SDG 2030)
महिला सशक्तिकरण हेतु सरकारी योजनाएँ
1 ) शिक्षा
शिक्षा महिला सशक्तिकरण और आर्थिक स्वतंत्रता की नींव है। सरकार ने लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु कई पहल की हैं:
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ – बालिका शिक्षा को बढ़ावा।
- समग्र शिक्षा अभियान – स्कूल अवसंरचना और लड़कियों के अनुकूल सुविधाएँ।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 – लैंगिक समावेशन और समानता को प्राथमिकता।
- एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय – आदिवासी लड़कियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा।
- STEM शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी – 42.57% (41.9 लाख महिला छात्राएँ)।
- स्वयं और स्वयं प्रभा – ऑनलाइन शिक्षा तक पहुँच।
- विज्ञान ज्योति योजना – STEM क्षेत्रों में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने हेतु।
2 ) स्वास्थ्य एवं पोषण
स्वास्थ्य सेवाओं तक महिलाओं की पहुँच बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही हैं:
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) – 3.81 करोड़ गर्भवती महिलाओं को ₹17,362 करोड़ की सहायता।
- मातृ मृत्यु दर (MMR) – 130 (2014-16) से घटकर 97 (2018-20) प्रति लाख जीवित जन्म।
- स्वच्छ भारत मिशन – 11.8 करोड़ शौचालयों का निर्माण।
- जल जीवन मिशन – 15.4 करोड़ घरों में शुद्ध पेयजल।
- उज्ज्वला योजना – 10.3 करोड़ महिलाओं को निःशुल्क LPG कनेक्शन।
3 ) आर्थिक सशक्तिकरण एवं वित्तीय समावेशन
- प्रधानमंत्री जन धन योजना – 30.46 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते।
- स्टैंड अप इंडिया योजना – ₹10 लाख से ₹1 करोड़ तक के 84% ऋण महिलाओं को दिए गए।
- मुद्रा योजना – 69% ऋण महिलाओं के स्व-रोजगार हेतु।
- 10 करोड़ महिलाएँ 90 लाख स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जुड़ीं।
- महिला स्टार्टअप्स के लिए SIDBI कोष में 10% आरक्षित निधि।
4 ) डिजिटल एवं तकनीकी सशक्तिकरण
- प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) – 60 मिलियन ग्रामीण नागरिकों को डिजिटल प्रशिक्षण।
- 67,000 महिला उद्यमी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) चला रही हैं।
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) – डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएँ।
- संकल्प हब – 35 राज्यों के 742 जिलों में महिला सशक्तिकरण केंद्र।
5 ) महिला सुरक्षा एवं संरक्षण
महिला सुरक्षा हेतु प्रमुख कानूनी प्रावधान :
दंड संहिता संशोधन (2018) – महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए कड़ी सजा।
घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम (2005)
कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम (2013)
POCSO अधिनियम (2012) – बच्चों के विरुद्ध अपराधों पर सख्त प्रावधान।
तीन तलाक कानून (2019) – तत्काल तलाक पर रोक।
सार्वजनिक क्षेत्रों में महिलाओं को सुरक्षा, आरक्षण और सहायता :
वन स्टॉप सेंटर – 802 केंद्र, 10 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता।
फास्ट ट्रैक कोर्ट – 750 विशेष न्यायालय, 408 केवल POCSO मामलों के लिए।
साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) – डिजिटल सुरक्षा हेतु।
महिला हेल्प डेस्क – 14,658 पुलिस थानों में कार्यरत।
महिला पुलिस आरक्षण – केंद्रीय पुलिस बलों (CAPF) में 33% आरक्षण।
“नारी अदालत” – ग्रामीण महिलाओं के विवादों के समाधान हेतु।
महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न : महिला सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार का प्रमुख दृष्टिकोण क्या है?
उत्तर: भारत सरकार “महिला विकास” से आगे बढ़कर “महिला-नेतृत्व विकास” की ओर बढ़ रही है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल समावेशन और नेतृत्व में महिलाओं की भूमिका को सशक्त किया जा रहा है।
प्रश्न : भारतीय संविधान में महिलाओं को कौन-कौन से अधिकार दिए गए हैं?
उत्तर: अनुच्छेद 14 – कानून के समक्ष समानता।
अनुच्छेद 15 – लिंग के आधार पर भेदभाव निषेध।
अनुच्छेद 39 एवं 42 – समान वेतन, मातृत्व लाभ एवं आजीविका के समान अवसर।
प्रश्न : “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस योजना का उद्देश्य लड़कियों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करना, उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना और लैंगिक असमानता को कम करना है।
प्रश्न : मातृत्व सुरक्षा के लिए भारत सरकार की प्रमुख योजना कौन-सी है?
उत्तर: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY), जिसके तहत 3.81 करोड़ गर्भवती महिलाओं को ₹17,362 करोड़ की सहायता दी गई है।
प्रश्न : प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत महिलाओं को कितने बैंक खाते मिले हैं?
उत्तर: इस योजना के तहत 30.46 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते खोले गए हैं, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है।
प्रश्न : महिलाओं की सुरक्षा के लिए भारत सरकार द्वारा किए गए प्रमुख कानूनी सुधार क्या हैं?
उत्तर: दंड संहिता संशोधन (2018) – महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए कड़ी सजा।
घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम (2005)
कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम (2013)
POCSO अधिनियम (2012) – बच्चों के विरुद्ध अपराधों पर सख्त प्रावधान।
तीन तलाक कानून (2019) – तत्काल तलाक पर रोक।
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