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ToggleNational Deworming Day 2025 | राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 2025
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हर साल 10 फरवरी को मनाया जाता है, यह दिन भारत सरकार की बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है, जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार 1 से 19 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को कृमि मुक्ति करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर स्कुली बच्चो के लिए स्वास्थ्य और पोषण संबंधीत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है।
यह भारत सरकार द्वारा चलाए गए सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है जो कम समय में बड़ी संख्या में बच्चों तक सेवाए पहुँचता है।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का उद्देश्य
स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 1 से 19 वर्ष की आयु के देश के सभी स्कूली बच्चों (नामांकित और गैर-नामांकित) को कृमि मुक्त करना।
1 से 19 वर्ष की आयु के सभी स्कूली बच्चों की समग्र स्वास्थ्य, पोषण की स्थिति, शिक्षा तक पहुंच और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना ।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की सुरुआत
1-19 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को कृमि मुक्ति जैसी समस्या से निपटने के लिए आंगनवाड़ी और स्कूलों में भारत सरकार ने 10 फरवरी 2015 को सभी 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाने की सुरुआत की, और 15 फरवरी को मॉप-अप दिवस मनाया जाता है। तब से इस कार्यक्रम को पूरे देश में राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाया गया है।
यह दिन कृमि की व्यापकता के आधार पर साल में दो बार 10 फरवरी और 10 अगस्त को द्वि-वार्षिक दौर भी आयोजित किया जाता हैं।
कृमि मुक्ति के लिए निगरानी और मूल्यांकन
जो बच्चे गंभीर बीमार हैं या कृमि मुक्ति दिवस/मॉप अप दिवस (MUD) पर दवा ले रहे हैं, उन बच्चों को ठीक होने पर या डॉक्टर से परामर्श के बाद ही एल्बेंडाजोल की गोली लेने की सलाह दी जानी चाहिए।
भारत में कृमी से संक्रमित बचो में लगभग 22 करोड़ भारतीय बच्चे 1-14 वर्ष की आयु वर्ग के है।
बच्चों में कृमि पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं और एनीमिया, कुपोषण जैसी समस्या और मानसिक तथा शारीरिक विकास में भी समस्या उत्पन्न करते हैं।
एनडीडी और एमयूडी (मॉप अप दिवस) दोनों टीमो द्वारा कम से कम चार स्कूलों/आंगनवाड़ी केंद्रों का दौरा किया जाएगा ।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा भारत सरकार की ओर से नामित टीमें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों का अनियमित दौरा करके एनडीडी गतिविधियों की निगरानी किया जाएगा।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारी के लिए शिक्षकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्कुली बच्चों को गोली खिलाने के लिए प्रशिक्षित किया किया जाएगा।
आशा शेवीका और अन्य कार्यकर्ता बच्चों को कृमि मुक्त करने के लिए प्रेरित करेंगे।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस संबंधीत महत्वपूर्ण प्रश्न
1 ) राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कब मनाया जाता है ?
उत्तर : राष्ट्रीय स्तर पर स्कुली बच्चो के लिए स्वास्थ्य और पोषण संबंधीत जागरुकता पैदा करने के लिए साल 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है ।
2 ) राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस क्यो मनाया जाता है ?
उत्तर : स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 1 से 19 वर्ष की आयु के देश के सभी स्कूली बच्चों (नामांकित और गैर-नामांकित) को कृमि मुक्त करने के लिए हर साल राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है ।
3 ) पहली बार भारत में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कब मनाया गया था ?
उत्तर : 1-19 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को कृमि मुक्ति जैसी समस्या से निपटने के लिए आंगनवाड़ी और स्कूलों में भारत सरकार ने 10 फरवरी 2015 को सभी 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाने की सुरुआत की गई थी ।
4 ) राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस किस मंत्रालय के अंतर्गत मनाया जाता है ?
उत्तर : भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हर साल 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है ।
5 ) राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाने का उद्देश क्या है ?
उत्तर : स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 1 से 19 वर्ष की आयु के देश के सभी स्कूली बच्चों (नामांकित और गैर-नामांकित) को कृमि मुक्त करना, 1 से 19 वर्ष की आयु के सभी स्कूली बच्चों की समग्र स्वास्थ्य, पोषण की स्थिति, शिक्षा तक पहुंच और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना ।
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