White Revolution 2.0 | श्वेत क्रांति 2.0

White Revolution 2.0 | श्वेत क्रांति 2.0

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White Revolution 2.0 | श्वेत क्रांति 2.0: भारत में डेयरी क्षेत्र का विकास

परिचय

भारत में दुग्ध उत्पादन एवं डेयरी उद्योग की मजबूती के लिए केंद्र सरकार द्वारा श्वेत क्रांति 2.0 का शुभारंभ 19 सितंबर 2024 को किया गया। इस पहल को मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय एवं सहकारिता मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य देश में दुग्ध उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण को आधुनिक बनाना एवं सहकारी समितियों के माध्यम से छोटे किसानों को सशक्त बनाना है।



राष्ट्रीय गोकुल मिशन: देशी नस्लों का संरक्षण और सुधार

देशी गोजातीय नस्लों के संरक्षण और उन्नयन के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग (DAHD) द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन को लागू किया जा रहा है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य है:

  • गोजातीय पशुओं की आनुवंशिक गुणवत्ता में सुधार
  • दूध उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि
  • देशी नस्लों का संरक्षण और संवर्धन

डेयरी विकास को बढ़ावा देने वाली योजनाएँ

श्वेत क्रांति 2.0 के तहत सरकार ने डेयरी उद्योग को आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं।

 इनमें प्रमुख योजनाएँ निम्नलिखित हैं:

1. राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD)

इस योजना के तहत देश भर में डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित और मजबूत किया जा रहा है, ताकि दूध की खरीद, भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सके।

2. डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों को समर्थन (SDCFPO)

इस योजना का उद्देश्य डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करना है। इससे छोटे और मध्यम स्तर के डेयरी किसानों को बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।

3. पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF)

इस योजना के अंतर्गत डेयरी क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और अत्याधुनिक प्रसंस्करण इकाइयों को विकसित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है।

डेयरी सहकारी समितियों का विस्तार और लक्षित वृद्धि

श्वेत क्रांति 2.0 के प्रभाव से डेयरी सहकारी समितियों के दायरे का लगातार विस्तार हो रहा है। 2028-29 तक सहकारी क्षेत्र में दूध खरीद को 1,007 लाख किलोग्राम प्रति दिन तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

वर्तमान में देश में 2.35 लाख डेयरी सहकारी समितियाँ स्थापित/मजबूत की जा चुकी हैं। 2023-24 में कुल दूध उत्पादन 239.30 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुँच गया, जो पिछले 10 वर्षों की तुलना में 63.56% अधिक है।

कर्नाटक सहित प्रमुख डेयरी राज्यों में दूध उत्पादन की स्थिति

नीचे दी गई तालिका भारत के सिर्फ 10 प्रमुख डेयरी राज्यों के दूध उत्पादन, प्रति व्यक्ति उपलब्धता और बिक्री का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करती है:

क्रमराज्यदूध उत्पादन (000 टन)प्रति व्यक्ति उत्पादकता (ग्राम/दिन)दैनिक दूध बिक्री (लाख लीटर/दिन)
1आंध्र प्रदेश13,99479914.27
2बिहार12,85327714.78
3गुजरात18,31270065.84
4कर्नाटक13,46354352.69
5महाराष्ट्र16,04534749.65
6पंजाब14,000124512.88
7राजस्थान34,733117129.88
8तमिलनाडु10,80838430.09
9उत्तर प्रदेश38,78045021.06
अखिल भारतीय औसत2,39,299471438.25

स्रोत: बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी (BAHS) 2024 एवं NDDB वार्षिक रिपोर्ट

भारत में दूध की खपत का अनुमान

हालाँकि, दूध की सटीक खपत के आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन राष्ट्रीय डेयरी योजना चरण-I (NDP-I) के तहत किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 2019 में भारत में कुल दूध एवं दुग्ध उत्पादों की अनुमानित खपत 162.4 मिलियन मीट्रिक टन थी।

कर्नाटक में डेयरी क्षेत्र की प्रगति

कर्नाटक में डेयरी सहकारी समितियों को मजबूत बनाने के लिए कर्नाटक दुग्ध महासंघ (KMF) द्वारा विभिन्न कदम उठाए गए हैं:

1. 2013-14 से 2023-24 के बीच दूध खरीद में बढ़ोतरी:

औसत दूध खरीद 51.61 लाख किलोग्राम प्रति दिन से बढ़कर 82.98 लाख किलोग्राम प्रति दिन हो गई।

2. विस्तारित डेयरी नेटवर्क:

वर्तमान में 15,888 डेयरी सहकारी समितियाँ कार्यरत हैं, जो 24,000 गाँवों को कवर कर रही हैं।

3. जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम:

विशेष रूप से उत्तरी कर्नाटक में किसानों और सहकारी सदस्यों को दूध की गुणवत्ता एवं उत्पादन दक्षता सुधारने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इन प्रयासों से दूध की खरीद में वृद्धि हुई और किसानों को बेहतर मूल्य मिला।


श्वेत क्रांति 2.0 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1: श्वेत क्रांति 2.0 क्या है, और इसे कब शुरू किया गया?

उत्तर: श्वेत क्रांति 2.0 भारत में डेयरी क्षेत्र को सशक्त बनाने और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की एक पहल है। इसे 19 सितंबर 2024 को मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय तथा सहकारिता मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया।

प्रश्न 2: राष्ट्रीय गोकुल मिशन का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: राष्ट्रीय गोकुल मिशन का मुख्य उद्देश्य देशी गोजातीय नस्लों का संरक्षण, आनुवंशिक सुधार और दूध उत्पादन को बढ़ावा देना है। इससे भारतीय नस्लों की गुणवत्ता में सुधार होगा और किसानों को अधिक लाभ मिलेगा।

प्रश्न 3: सरकार ने श्वेत क्रांति 2.0 के तहत डेयरी सहकारी समितियों के विस्तार के लिए क्या लक्ष्य रखा है?

उत्तर: सरकार ने 2028-29 तक डेयरी सहकारी क्षेत्र में दूध की खरीद को बढ़ाकर 1,007 लाख किलोग्राम प्रति दिन करने का लक्ष्य रखा है।

प्रश्न 4: भारत में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता कितनी है?

उत्तर: भारत में औसतन प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 471 ग्राम प्रति दिन है। हालांकि, यह राज्यवार भिन्न होती है, जैसे कि पंजाब में 1245 ग्राम/दिन और उत्तर प्रदेश में 450 ग्राम/दिन।


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