One Nation-One Port | भारत के समुद्री क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार: 'एक राष्ट्र-एक बंदरगाह' पहल को बढ़ावा

One Nation-One Port | भारत के समुद्री क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार: ‘एक राष्ट्र-एक बंदरगाह’ पहल को बढ़ावा

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One Nation-One Port | भारत के समुद्री क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार: ‘एक राष्ट्र-एक बंदरगाह’ पहल को बढ़ावा

परिचय

भारत के बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) ने देश के समुद्री बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और वैश्विक व्यापार में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलें शुरू की हैं। केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ‘एक राष्ट्र-एक बंदरगाह (ONOP)’ प्रक्रिया, सागर अंकलन – लॉजिस्टिक्स पोर्ट परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPPI), भारत ग्लोबल पोर्ट्स कंसोर्टियम, और मैत्री ऐप जैसी योजनाओं की घोषणा की। इन पहलों का उद्देश्य भारत को समुद्री महाशक्ति बनाने के लिए व्यापार प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना, दक्षता बढ़ाना और सतत विकास को प्रोत्साहित करना है। 


One Nation-One Port | भारत के समुद्री क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार: 'एक राष्ट्र-एक बंदरगाह' पहल को बढ़ावा

‘एक राष्ट्र-एक बंदरगाह’ प्रक्रिया: व्यापार को सरल बनाने की दिशा में बड़ा कदम

‘वन नेशन-वन पोर्ट’ नीति का उद्देश्य भारत के **प्रमुख बंदरगाहों पर परिचालन प्रक्रियाओं को मानकीकृत और सुव्यवस्थित करना है। इससे दस्तावेज़ीकरण और प्रक्रियाओं में मौजूद विसंगतियों को दूर किया जाएगा, जिससे खर्च और परिचालन देरी में कमी आएगी।

 इस पहल के तहत: 

1 ) कंटेनर संचालन से जुड़े दस्तावेजों की संख्या 143 से घटाकर 96 कर दी गई है (33% की कमी)। 

2 ) बल्क कार्गो दस्तावेजों की संख्या 150 से घटाकर 106 कर दी गई है (29% की कमी)। 

3 ) आव्रजन, बंदरगाह स्वास्थ्य संगठन और बंदरगाह प्राधिकरणों के साथ दस्तावेजीकरण को मानकीकृत किया गया है। 

4 ) इससे व्यापार करने में आसानी बढ़ेगी, परिचालन लागत घटेगी, और वैश्विक व्यापार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता मजबूत होगी। 

सागर अंकलन – लॉजिस्टिक्स पोर्ट परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPPI): दक्षता और पारदर्शिता का नया मानक

श्री सोनोवाल ने LPPI (Logistics Port Performance Index) के शुभारंभ की भी घोषणा की, जिसका उद्देश्य भारत के समुद्री क्षेत्र में दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देना है। 

1 ) LPPI के तहत सभी प्रमुख और गैर-प्रमुख बंदरगाहों का मूल्यांकन किया जाएगा। 

2 ) मूल्यांकन कार्गो हैंडलिंग, टर्नअराउंड समय, कंटेनर रहने का समय, और जहाजों के बर्थ-डे आउटपुट जैसे प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों पर आधारित होगा। 

3 ) यह डाटा-संचालित प्रणाली बंदरगाहों के प्रदर्शन की तुलना करने और निरंतर सुधार सुनिश्चित करने में मदद करेगी। 

4 ) भारत ने पहले ही विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) में ‘अंतर्राष्ट्रीय शिपमेंट’ के लिए 44वें से 22वें स्थान तक की छलांग लगाई है।** 

भारत ग्लोबल पोर्ट्स कंसोर्टियम: वैश्विक व्यापार में भारत की भूमिका को मजबूत करना

भारत की वैश्विक समुद्री उपस्थिति को बढ़ाने के लिए भारत ग्लोबल पोर्ट्स कंसोर्टियम की स्थापना की गई है। यह कंसोर्टियम बंदरगाह विस्तार, संचालन और वित्तपोषण को आगे बढ़ाएगा और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को समर्थन देगा। 

आईपीजीएल (ऑपरेशन), एसडीसीएल (वित्त), और आईपीआरसीएल (अवसंरचना विकास) को एक साथ लाकर भारत को वैश्विक व्यापार और रसद का प्रमुख केंद्र बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 

यह पहल निर्यात बढ़ाने, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने में मदद करेगी।

मैत्री ऐप: डिजिटल व्यापार सुविधा के लिए एआई और ब्लॉकचेन का उपयोग

  श्री सोनोवाल ने मैत्री (Master Application for International Trade and Regulatory Interface) ऐप भी लॉन्च किया। यह ऐप व्यापार प्रक्रियाओं को सरल बनाने, नौकरशाही अतिरेक को कम करने और मंजूरी में तेजी लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

  ब्लॉकचेन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ‘वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर’ का निर्माण करेगा। 

  मैत्री ऐप भारत और UAE के बीच वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर को संचालित करेगा, और इसे BIMSTEC और ASEAN देशों तक विस्तारित किया जाएगा। 

 व्यापार प्रलेखन को डिजिटाइज़ करके और प्रक्रियाओं को तेज करके यह ऐप निर्यात और आयात में तेजी लाएगा। 

भारत समुद्री सप्ताह 2025: वैश्विक समुद्री नेतृत्व की दिशा में कदम

भारत 27 से 31 अक्टूबर, 2025 तक मुंबई में भारत समुद्री सप्ताह** का आयोजन करेगा।

 इस दौरान: 

  ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (GMIS) का चौथा संस्करण, सागरमंथन – द ग्रेट ओशन्स डायलॉग का दूसरा संस्करण और 100 देशों के 1 लाख प्रतिनिधियों की भागीदारी की संभावना।

इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक समुद्री रणनीति में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है। 

समुद्री क्षेत्र में बजटीय सुधार और निवेश

केंद्रीय बजट 2025 में समुद्री विकास कोष के लिए (25,000 करोड़ रुपये) की घोषणा की गई है।

 इसके तहत: 

1 )  भारतीय शिपयार्ड को वित्तीय सहायता** मिलेगी। 

2 ) बड़े जहाजों को बुनियादी ढांचे के रूप में मान्यता दी जाएगी। 

3 ) 10 वर्षों के लिए जहाज निर्माण इनपुट पर सीमा शुल्क छूट बढ़ाई गई है। 

4 ) अंतर्देशीय जहाजों के लिए टन भार कर प्रणाली का विस्तार किया गया है। 

यह पहल ‘शिप बिल्डिंग उद्योग’ को मजबूती देगी और भारतीय जहाज निर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी।

ग्रीन पोर्ट और शिपिंग में राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCOEGPS) की स्थापना

भारत ग्रीन पोर्ट और शिपिंग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCOEGPS) स्थापित कर रहा है।

 इसका उद्देश्य: 

1 ) कार्बन फुटप्रिंट को कम करना

2 ) स्वच्छ ईंधन को अपनाना

3 ) पर्यावरण-अनुकूल बंदरगाह प्रबंधन को लागू करना 

यह भारत के समुद्री क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 

निष्कर्ष: भारत का समुद्री लक्ष्य

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “भारत की नीली अर्थव्यवस्था केवल जहाजों और बंदरगाहों तक सीमित नहीं है – यह नौकरियों, व्यापार, स्थिरता और आर्थिक विकास से जुड़ी है। हमारा लक्ष्य 2030 तक शीर्ष 10 जहाज निर्माण राष्ट्रों में शामिल होना है और एक वैश्विक समुद्री शक्ति बनना है।”

भारत इन पहलों के माध्यम से वैश्विक व्यापार में एक महत्वपूर्ण शक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। ‘एक राष्ट्र-एक बंदरगाह’, LPPI, भारत ग्लोबल पोर्ट्स कंसोर्टियम और मैत्री ऐप जैसी योजनाएं बंदरगाहों की दक्षता, व्यापार सुविधा और सतत विकास को मजबूत करेंगी।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. ‘एक राष्ट्र-एक बंदरगाह’ (ONOP) पहल क्या है?

‘एक राष्ट्र-एक बंदरगाह’ (ONOP) पहल का उद्देश्य भारत के सभी प्रमुख बंदरगाहों की प्रक्रियाओं को मानकीकृत करना, दस्तावेजीकरण को सरल बनाना और परिचालन लागत को कम करना है।

2. इस पहल से व्यापार को कैसे फायदा होगा?

इस पहल से व्यापार करने में आसानी होगी, दस्तावेजों की संख्या घटेगी, लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी और वैश्विक व्यापार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता मजबूत होगी।

3. सागर अंकलन – लॉजिस्टिक्स पोर्ट परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPPI) क्या है?

LPPI भारत के सभी प्रमुख और गैर-प्रमुख बंदरगाहों का मूल्यांकन करने वाला एक सूचकांक है, जो कार्गो हैंडलिंग, टर्नअराउंड समय, कंटेनर रहने की अवधि, और बंदरगाह की दक्षता को मापता है।

4. भारत ग्लोबल पोर्ट्स कंसोर्टियम का उद्देश्य क्या है?

इस कंसोर्टियम का उद्देश्य भारत की वैश्विक समुद्री उपस्थिति को मजबूत करना, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना और आपूर्ति श्रृंखलाओं को बेहतर बनाना है।

5. मैत्री ऐप (MAITRI App) क्या है और यह कैसे काम करता है?

मैत्री ऐप एक डिजिटल व्यापार सुविधा प्लेटफॉर्म है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके व्यापार प्रक्रियाओं को तेज और पारदर्शी बनाएगा। यह भारत और UAE के बीच वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर को भी संचालित करेगा।

6. भारत समुद्री सप्ताह 2025 कब आयोजित होगा?

भारत समुद्री सप्ताह 2025 का आयोजन 27 से 31 अक्टूबर, 2025 तक मुंबई में किया जाएगा। इसमें 100 देशों के 1 लाख प्रतिनिधि भाग लेंगे।

7. केंद्रीय बजट 2025 में समुद्री क्षेत्र के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं?

बजट 2025 में समुद्री विकास कोष के लिए 25,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो भारतीय शिपयार्ड, जहाज निर्माण उद्योग और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को समर्थन देगा।

8. ग्रीन पोर्ट और शिपिंग में राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCOEGPS) का उद्देश्य क्या है?

NCOEGPS का उद्देश्य भारत के बंदरगाहों को पर्यावरण-अनुकूल बनाना, कार्बन फुटप्रिंट को कम करना और स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देना है।

9. ‘एक राष्ट्र-एक बंदरगाह’ नीति से कौन-कौन से दस्तावेज़ कम हुए हैं?

  1. कंटेनर संचालन से जुड़े दस्तावेजों की संख्या 143 से घटाकर 96 कर दी गई (33% की कमी)।
  2. बल्क कार्गो दस्तावेजों की संख्या 150 से घटाकर 106 कर दी गई (29% की कमी)।

10. क्या यह पहल भारत को एक समुद्री महाशक्ति बनने में मदद करेगी?

हाँ, ‘एक राष्ट्र-एक बंदरगाह’ नीति, LPPI, भारत ग्लोबल पोर्ट्स कंसोर्टियम, और मैत्री ऐप जैसी पहलें भारत को वैश्विक समुद्री क्षेत्र में एक महाशक्ति बनाने में मदद करेंगी।

11. इस पहल से भारत की वैश्विक रैंकिंग पर क्या असर पड़ेगा?

भारत पहले ही विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) में ‘अंतर्राष्ट्रीय शिपमेंट’ के लिए 44वें से 22वें स्थान पर पहुंच चुका है। यह पहल इसे और आगे ले जाने में मदद करेगी।

12. इस नीति से आम लोगों को क्या लाभ होगा?

इस नीति के कारण व्यापार बढ़ेगा, नौकरियों के नए अवसर पैदा होंगे, और भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, जिससे आम नागरिकों को भी फायदा मिलेगा।


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